सियासत में ऊंचे पदों पर पदस्थ नेताओं और बदलती हुई सरकारें हर समय अपने रंग-ढंग बदलती रहती है। शायर हो या मीडिया सभी की पैनी नज़र हमेशा सियासी जगत की ओर होती है, इसलिए शायर हर छोटे-बड़े राजनीतिक बदलावों को अपने शब्दों में पिरो कर पेश करते है। पढ़िए Politician Shayari in Hindi
Top 5 Politician Shayari in Hindi
Mitakar Rakh Do Un Hastiyon Ko,
Jo Jeetne Ke Baad Bhul Jate Hai Aap Ki Bastiyon Ko….
Badle Aur Badlaaw Ki Bhawna Ke Saath Pariwartan Hona Chahea.

मिटा कर रख दो उन हस्तियों को ,
जो जीतने के बाद भूल जाते हैं आपकी बस्तियों को,
बदले और बदलाव की भावना के साथ परिवर्तन होना चाहिए
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आलीशान महल से निकलते हो तुम तो गाड़ियों के काफ़िले तुम्हें सुरक्षा देते हैं,
तुम नेताओं को क्या फिक्र हम दो निवालों के लिए कितने खतरे मोल लेते हैं।
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चुनावी रैलियों में तुम नेता हमसे, हमारी जान की बाज़ी लगवाते हो,
चंद रुपयों का लालच देकर इस महामारी कोरोना के हत्थे चढ़वाते हो।
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नेता जी चुनाव में जीत की खातिर तुम इतने वादे कर जाते हो,
हाथ जोड़ कर वोट मांगते फिर कहां गायब हो जाते हो।
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कोरोना की इस महामारी में भी तुम्हें चुनाव ललचाते हैं,
नेताओं का क्या है धर्म इस कठिन समय में आप बतलाते हैं।
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कहीं कंबल बांटे, कहीं दारू तो कभी नोट बांटते नज़र आते हो,
वोटों के लिए तुम नेतागिरी में इंसानियत भूल जाते हो।
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Politician shayari in hindi Images

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चुनाव पर शायरी इन हिंदी

हमारे अधिकारों को ही तुम हमें, एहसान की तरह दिलवाते हो
हमारे वोटों का गलत इस्तमाल कर ही तुम भ्रष्ट नेता बन पाते हो।
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देश में पंचायत चुनाव की खबरें पढ़ कर हम सिहर जाते हैं,
गरीब हैं भोले, कुछ पैसों के लिए जान से हाथ धो जाते हैं।
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राजनीति में कर दंगे फसाद से तुम साफ निकल जाते हो,
इतनी मौतें हुई और इतने हुए घायल तुम खबरें छपवाते हो।
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सियासत के बेहिसाब ज़ोर में तुम्हें हुकूमत है हासिल,
वादे कर के जीते चुनाव, तुम नेता बनने के नही हो काबिल।
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कांटों सी गरीबों की बस्ती में तुम मसीहा बन हमें बहलाते हो,
लंबे सहानुभूति वाले न्याय के भाषण देकर तुम हमें दिलासा दे जाते हो।
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राजनीति पर कविता
रक्त सबका लाल है ,न जाने क्या मलाल है,
देश का विकास हो ,ये उनका सुविचार है ।।
लिख रहा हूं आज सत्य ,तथ्य के आधार पर ,
आजादी की भूख है,जन में हाहाकार कर।।
राजनीती का एक भी सिरा नहीं ,देश में प्रलय भारी ,देख आंखे नमी ।।
जो सुन रहे ,जो चुप रहे ,क्या कहें,हाल संसार का , हैै कोई जो सुने।।
एक जान ,एक खून ,फर्क क्या , ना समझ आय जन का ये मर्ज क्या।।
सबके लघु विवेक ,लघु कर्म , मां पर बोझ ले लिए जो जन्म।।
अब हे प्रभु राच्छसी संहार कर, दुनिया का कल्याण कर ।।
पाप का बढ़ा अंधेरा ,होगा अब नया सवेरा।।
मशहूर शायर के चुनिंदा शेर
(राजनीति शायरी )
दुश्मन-ए-अम्न सियासत का सहारा ले कर
शहर में घूमते हैं आग लगाने के लिए
राकेश राही
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काँटों से गुज़र जाता हूँ दामन को बचा कर
फूलों की सियासत से मैं बेगाना नहीं हूँ
शकील बदायुनी
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बुलंदी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है
बहुत ऊँची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है
मुनव्वर राणा
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इस बार हूँ दुश्मन की रसाई से बहुत दूर
इस बार मगर ज़ख़्म लगाएगा कोई और
आनिस मुईन
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मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा
इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा
अमीर क़ज़लबाश
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धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है
न पूरे शहर पर छाए तो कहना
जावेद अख़्तर
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कल सियासत में भी मोहब्बत थी
अब मोहब्बत में भी सियासत है
ख़्वाजा साजिद
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एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना
मुनव्वर राना
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दिन एक सितम एक सितम रात करो हो
वो दोस्त हो दुश्मन को भी तुम मात करो हो
कलीम आजिज़
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औरों के ख़यालात की लेते हैं तलाशी
और अपने गरेबान में झाँका नहीं जाता
मुज़फ़्फ़र वारसी
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तूफ़ान में हो नाव तो कुछ सब्र भी आ जाए
साहिल पे खड़े हो के तो डूबा नहीं जाता
मुज़फ़्फ़र वारसी
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Best Politician shayari in hindi
नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है
राहत इंदौरी
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ये कैसी सियासत है मिरे मुल्क पे हावी
इंसान को इंसाँ से जुदा देख रहा हूँ
साबिर दत्त
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ये सियासत है कि लानत है सियासत पे ‘सदा’
ख़ुद हैं मुजरिम बने क़ानून बनाने वाले
सदा अम्बालवी
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लहू से खेलते हैं सब फ़रिश्ते
सियासत फ़ातिहा पर चल रही है
खुर्शीद अकबर
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बस इतनी आरज़ू है आज मेरी
सियासत में तिरा हिस्सा हो भरपूर
दिलावर फ़िगार
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बस्ती में तुम ख़ूब सियासत करते हो
बस्ती की आवाज़ उठाओ तो जानें
फ़ैज़ जौनपूरी
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तबाह कर दिया अहबाब को सियासत ने
मगर मकान से झंडा नहीं उतरता है
शकील जमाली
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उस को मज़हब कहो या सियासत कहो
ख़ुद-कुशी का हुनर तुम सिखा तो चले
कैफ़ी आज़मी
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मस्लहत कहिए उसे या कि सियासत कहिए
चील कव्वों को भी शाहीन कहा है मैं ने
राहत इंदौरी
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